टूटने लगे हौसले तो ये याद रखना ,
बिना मेहनत के तख्तो-ताज नहीं मिलते ,
ढूंढ़ लेते हैं अंधेरों में मंजिल अपनी ,
क्योंकि जुगनू कभी रोशनी के मोहताज़ नहीं होते!
टूटने लगे हौसले तो ये याद रखना ,
बिना मेहनत के तख्तो-ताज नहीं मिलते ,
ढूंढ़ लेते हैं अंधेरों में मंजिल अपनी ,
क्योंकि जुगनू कभी रोशनी के मोहताज़ नहीं होते!