कितने सच कितने अफ़साने

कितने सच कितने अफ़साने 📜,
कैसी ये रेखाओं की बस्ती है 😊,
वही मुकम्मल है ताने बाने 🌟❤️,
जो ये किस्मत बुना करती है! 💫🌟