जब हम तुम खोयी मोहब्बत के किस्सों में खोये थे,
सरहद पर कोई अपना वादा निभा रहा था,
और वो माँ की मोहब्बत का कर्ज चुका रहा था।,
जब हम तुम खोयी मोहब्बत के किस्सों में खोये थे,
सरहद पर कोई अपना वादा निभा रहा था,
और वो माँ की मोहब्बत का कर्ज चुका रहा था।,