हम वो फूल हैं जो रोज-रोज नहीं खिलते ,
यह वो होंठ हैं जो कभी नहीं सिलते ,
हमसे बिछड़ोगे तो एहसास होगा तुम्हें ,
हम वो दोस्त हैं जो दोबारा नहीं मिलते!
हम वो फूल हैं जो रोज-रोज नहीं खिलते ,
यह वो होंठ हैं जो कभी नहीं सिलते ,
हमसे बिछड़ोगे तो एहसास होगा तुम्हें ,
हम वो दोस्त हैं जो दोबारा नहीं मिलते!