हे मेरे महावीर हनुमान,
सुख देना तो बस इतना देना कि मन में “अहंकार” न आ जाये,
और दु:ख देना तो बस इतना देना कि “आस्था” न चली जाये,
जय बजरंगबली।।,
हे मेरे महावीर हनुमान,
सुख देना तो बस इतना देना कि मन में “अहंकार” न आ जाये,
और दु:ख देना तो बस इतना देना कि “आस्था” न चली जाये,
जय बजरंगबली।।,